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Tuesday, April 20, 2010

"ख़त ,कफ़न, कासिद ..और तेरा इंतज़ार |"


" तेरे ख़त का इंतज़ार करते करते ,

बीत गया हर लम्हा ,

न तेरा "ख़त" आया ,न कम्बक्त "कासिद" आया ,

ये " कफ़न" न जाने कहाँ से आया ,

आज भी ओढ़े सोया हु " कफ़न" ,

ख़त के इंतज़ार में "

Thursday, April 15, 2010

"बंजर ख्वाबो की दुनिया में ,फूलों की सेज सजा रहा हु"


" बंजर ख़्वाबों की दुनिया में ,फूलों की सेज सजा रहा हु ,

जिन्दगी के आईने पर पड़ी धुल ,साफ़ करने की कोशिश कर रहा हु ,

मौत आने से पहले ए - बेवफा ,

बहते अश्क में, तुजे ढूंढने की कोशिश कर रहा हु "