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Thursday, April 15, 2010

"बंजर ख्वाबो की दुनिया में ,फूलों की सेज सजा रहा हु"


" बंजर ख़्वाबों की दुनिया में ,फूलों की सेज सजा रहा हु ,

जिन्दगी के आईने पर पड़ी धुल ,साफ़ करने की कोशिश कर रहा हु ,

मौत आने से पहले ए - बेवफा ,

बहते अश्क में, तुजे ढूंढने की कोशिश कर रहा हु "

2 comments:

Randhir Singh Suman said...

nice

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब ... लाजवाब .. कमाल के बोल हैं ...

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