शुक्रिया , कमेन्ट का इंतज़ार था ? नहीं ? कि हाँ ?. आ ही जाते हैं कभी ना कभी यहाँ -वहाँ ख़त बेवफा हो सकते हैं , अपनों के कमेंट्स नहीं तो हिंदीमस्ती पर क़फ़न मत डालियेगा
तुम्हारे ख़त का इंतज़ार करते करते - नींद आती तो खाब आता , खाब आता तो तुम आते , तुम्हारी याद में न नींद आई न खाब आया न तुम आये । एक और शैर आपकी नजर - न कोई वक्त ,न कोई वायदा ,न कोई उम्मीद , खड़े थे रह गुज़र पर करना था तेरा इंतज़ार .
सच्चाई को चाहता हूँ ...सच..सच को कितना भी दबाओ मगर सच्चाई सामने आ ही जाती है . जो भी समाज में या अपने देश मे अन्याय भरी बात देखता हूँ बस लिख देता हूँ, क्योंकि सच्चाई को चाहता हूँ ... क्या आप भी मेरी तरह सच्चाई को चाहते हो ? अगर हाँ तो फिर आओ मिलकर कुछ कर दिखाएँ ...मैं तो सच्चाई अपने ब्लॉग में लिखता हूँ , यकीन रखना सच्चाई देर से सामने आती है, मगर आती ज़रूर है ... सच्चाई कड़वी भी होती है दोस्त ..
7 comments:
शुक्रिया ,
कमेन्ट का इंतज़ार था ? नहीं ? कि हाँ ?.
आ ही जाते हैं कभी ना कभी यहाँ -वहाँ
ख़त बेवफा हो सकते हैं ,
अपनों के कमेंट्स नहीं
तो हिंदीमस्ती पर क़फ़न मत डालियेगा
सोने तक तो ठीक है ..नींद खुल ही जायेगी ...अच्छी प्रस्तुति ..
अच्छी प्रस्तुति ..
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
kaash wo kasid aa jata , maut ka gam nahin hota
तुम्हारे ख़त का इंतज़ार करते करते -
नींद आती तो खाब आता ,
खाब आता तो तुम आते ,
तुम्हारी याद में न नींद आई न खाब आया न तुम आये ।
एक और शैर आपकी नजर -
न कोई वक्त ,न कोई वायदा ,न कोई उम्मीद ,
खड़े थे रह गुज़र पर करना था तेरा इंतज़ार .
बहुत सुन्दर रचना | आभार
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Tamasha-E-Zindagi
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Interesting and Spicy Love Story, प्यार की स्टोरी हिंदी में and Hindi Story Shared By You Ever. Thank You.
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